झारखण्ड

नेशनल लोक अदालत: चार घंटे में 12 अरब रुपये की रिकॉर्ड रिकवरी, 2.10 लाख प्री-लिटिगेशन मामलों का निपटारा

नेशनल लोक अदालत: चार घंटे में 12 अरब रुपये की रिकॉर्ड रिकवरी, 2.10 लाख प्री-लिटिगेशन मामलों का निपटारा

धनबाद: झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देशानुसार वर्ष 2024 की अंतिम नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन शनिवार को झालसा के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस एस. एन. प्रसाद ने रांची से ऑनलाइन किया। इस अवसर पर धनबाद में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी ने की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि नेशनल लोक अदालत आज लोगों की जरूरत और आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत संविधान के सामाजिक, आर्थिक और सस्ता सुलभ न्याय के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

उन्होंने आगे कहा कि लोक अदालत में लंबित मामलों के समाधान के माध्यम से समय और धन की बचत होती है। इसके साथ ही विवादों का निपटारा शांति और सौहार्द के वातावरण में होता है।

डीडीसी धनबाद सादात अनवर ने जिला प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि लोक अदालत आम आदमी के लिए न्याय की पहुंच को सरल बनाती है।

अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश रोशन और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने बताया कि नेशनल लोक अदालत के लिए 12 बेंचों का गठन किया गया था।

केवल चार घंटे में ही 20,034 कोर्ट में लंबित मामलों का निपटारा किया गया।

2.10 लाख प्री-लिटिगेशन मामलों को सुलझाया गया।

दोपहर 1 बजे तक 12 अरब रुपये की रिकॉर्ड रिकवरी दर्ज की गई, जो शाम तक और बढ़ने की संभावना है।

कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय टी. हसन, एस. एन. मिश्रा, दुर्गेश चंद्र अवस्थी, संजय कुमार सिंह, आरती माला, राजीव त्रिपाठी, और अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे।

एसबीआई धनबाद जोन के डीजीएम विजय कुमार, मुख्य प्रबंधक सुधांशु कुमार, और अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।

धनबाद बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो ने डालसा के प्रयासों की सराहना की। सिटी एसपी अजीत कुमार ने कहा कि लोक अदालत मुकदमों के त्वरित समाधान का एक प्रभावी मंच है, जिससे वादकारियों को समय और कानूनी उलझनों से राहत मिलती है।

कार्यक्रम के अंत में प्रधान जिला न्यायाधीश ने वादकारियों, अधिवक्ताओं और विभागीय अधिकारियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

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