झारखण्ड

धनबाद : अनुवा अकादमी ऑफ फाइन ने आर्ट्स अपना 25वां स्थापना दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया।

धनबाद : अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स, बैंक मोड़, धनबाद ने दिनांक 12 जनवरी 2025, रविवार को अपना 25वां स्थापना दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में एक दिवसीय चित्रकला शिविर “वाइड कैनवास” का आयोजन किया गया।

 

कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी की अध्यक्ष श्रीमती अनुवा घोष द्वारा दीप प्रज्वलन और स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ हुई। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और शिक्षाओं को युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया और सभी छात्रों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

 

यह आयोजन न केवल अकादमी की 25 साल की यात्रा का जश्न था, बल्कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों से जोड़ने और उनकी कलात्मक प्रतिभा को मंच देने का एक प्रयास भी था।

 

अनुवा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स के निर्देशक डॉ. विक्टर घोष ने बताया कि इस एक दिवसीय चित्रकला शिविर “वाइड कैनवास” में भाग लेने के लिए कुल 50 छात्रों का चयन किया गया था। उन्होंने कहा कि इस शिविर के माध्यम से छात्रों को स्वामी विवेकानंद की जीवनी और उनके विचारों को गहराई से जानने और समझने का अवसर मिला।

 

डॉ. घोष ने यह भी उल्लेख किया कि अकादमी के 25वें स्थापना दिवस को विशेष बनाने के लिए इसे राष्ट्रीय युवा दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती के साथ जोड़ा गया। यह आयोजन स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेने और युवाओं को उनकी शिक्षाओं के प्रति जागरूक करने का एक अनूठा प्रयास था।

 

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजन न केवल कला और संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, बल्कि छात्रों को जीवन के महान मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा भी प्रदान करते हैं।

 

अकादमी के छात्रों ने स्वामी विवेकानंद जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अपने कैनवास पर उनकी प्रेरणादायक तस्वीरें बनाई। छात्रों ने अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए जल रंग, ऐक्रेलिक, और फोटो पेंट रंग जैसे विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया।

 

इन चित्रों में स्वामी विवेकानंद के विचारशील व्यक्तित्व, उनकी शिक्षाओं और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया। हर चित्र में छात्रों ने अपने कौशल और रचनात्मकता से स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवंत किया। इस प्रयास के माध्यम से उन्होंने न केवल अपनी कला को निखारा, बल्कि स्वामी जी के आदर्शों को भी आत्मसात करने का संदेश दिया।

 

कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती कामिनी बाघेल (निर्देशक एवं चित्रकार) मणिकर्णिका आर्ट गैलरी झांसी, श्रीमती कुसुमिता मुखर्जी (उप-प्राचार्य) स्वामी विवेकानंद अकादमी फॉर एजुकेशनल एक्सीलेंस, बर्धमान, वेस्ट बंगाल, मोo सोहराब खान

(संस्थापक)

चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स, पुराना बाज़ार धनबाद, झारखण्ड, अभिषेक घोष ने विशेष योगदान दिया।

 

इन अतिथियों ने अपने प्रेरणादायक शब्दों से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। उन्होंने अकादमी और छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों और कला के प्रति उनकी लगन, न केवल उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देगी, बल्कि उन्हें समाज के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनाएगी।

 

इनकी शुभकामनाओं और मार्गदर्शन से कार्यक्रम और भी प्रभावशाली बन गया।

 

कार्यक्रम के अंत में, भाग लेने वाले सभी छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और योगदान के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनकी कला के प्रति समर्पण को प्रोत्साहित करने का प्रयास था, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाने का एक माध्यम था।

 

अकादमी के अध्यक्ष और अतिथियों ने छात्रों को उनकी रचनात्मकता और मेहनत के लिए बधाई दी और उन्हें भविष्य में अपनी प्रतिभा को और निखारने के लिए प्रेरित किया। प्रमाण पत्र वितरण के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ, जो कला और प्रेरणा का एक यादगार अवसर बन गया।

 

डॉ• विक्टर घोष

(निर्देशक/ कलाकार/ संस्थापक)

अनुवा अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स, धनबाद, झारखण्ड

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